GST के फायदे और नुकसान - इस लेख में हम जानेंगे कि भारत मे GST लागू होने के फायदे और नुकसान क्या है. भारत मे जीएसटी लागू हुवे काफी समय हो गया है लेकिन अभी भी ज्यादातर लोगों को GST के बारे में ज्यादा नही पता है. इसलिए हमने यह लेख लिखा है जिसमे हमने जीएसटी के फायदे और नुकसान बताए है.
GST लागू होने के 5 साल बाद हम गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के बारे में बहुत कुछ जान चुके हैं. अब बारी है जीएसटी के फायदे और नुकसान क्या हैं? यह जानने की. यह ऐसा जटिल सवाल है जिसका जवाब अभी भी बहुत से लोग नहीं जानते. इस लेख का उद्देश्य आप सभी को भारत में जीएसटी के फायदे और नुकसान बताना है तो इस लेख को अंत पढ़िए.
भारत में जीएसटी के फायदे
भारत मे जीएसटी कानून लागू होने के बाद से हम लोगो को यह सब फायदे मिले है.
- जीएसटी से भारत में अधिक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त टैक्स सिस्टम के निर्माण होगा.
- जीएसटी के बाद के शासन में व्यवसाय शुरू करना आसान है और कर नियम पहले की तुलना में आसान हैं.
- छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स से टैक्स के बोझ को कम करने के लिए संरचना तंत्र मौजूद है.
- इनपुट क्रेडिट (आईटीसी) तंत्र व्यवसायों के लिए नकदी का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करता है और अंतिम उपभोक्ताओं के लिए वस्तुओं/सेवाओं की कम कीमत सुनिश्चित करता है.
- सभी अप्रत्यक्ष करों के विलय से सरकार के साथ-साथ करदाताओं के लिए कर भुगतान की प्रक्रिया आसान हो जाती है.
- कर सामंजस्य
- राज्यों और देश के भीतर वस्तुओं और/या सेवाओं की अधिक सरलीकृत आवाजाही.
- जीएसटी की गणना कुल राशि पर की जाती है, बिक्री और सेवाओं के प्रकार पर ध्यान दिए बिना.
- जीएसटी ने एकीकृत टैक्स प्रणाली की शुरुआत करके टैक्स के व्यापक प्रभाव को समाप्त कर दिया है.
- चूंकि यह एक गंतव्य आधारित टैक्स है, इसलिए टैक्स का भुगतान उपभोक्ता द्वारा वस्तुओं/सेवाओं की डिलीवरी पर ही किया जाएगा.
- गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स का कार्यान्वयन भारत को अंतर्राष्ट्रीय टैक्स मानकों की कतार में खड़ा कर देता है, जिससे भारतीय व्यवसायों के लिए वैश्विक बाजार में बिक्री करना आसान हो जाता है.
- जीएसटी लागू होने के बाद महंगाई कम हो सकती है.
- जीएसटी से उत्पादन, परिचालन और अन्य लागतों की कीमत कम होने की उम्मीद है जिससे अंतिम उपभोक्ताओं को लाभ होगा.
- टैक्स एकत्र करने की लागत कम हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप सरकार के लिए उच्च राजस्व होता है.
- जीएसटी में एकीकृत टैक्स का सिस्टम है जो यह सुनिश्चित करता है कि टैक्स का बोझ विनिर्माण वस्तुओं और सेवाओं के बीच निष्पक्ष रूप से विभाजित हो.
- टैक्स अनुपालन की जटिलता कम हो जाती है क्योंकि सभी रिटर्न दाखिल किए जा रहे हैं और एक ही मंच के माध्यम से करों का भुगतान किया जा रहा है.
- चूंकि सभी रिकॉर्ड और डेटा अब एक ही मंच पर उपलब्ध हैं, इसलिए टैक्स अधिकारियों के लिए टैक्स चोरी की पहचान करना और उससे निपटना आसान हो गया है.
- जीएसटी का एक बड़ा फायदा यह है कि सरकार को अब पहले से कहीं ज्यादा टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन मिल रहे हैं.
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जीएसटी के नुकसान
फायदों के साथ साथ हमे जीएसटी लागू होने के बहुत सारे नुकसान भी हुवे है जो कि कुछ इस तरह से है.
- जीएसटी अनुपालन और टैक्स फाइलिंग ने व्यवसायों के लिए कार्यान्वयन लागत में वृद्धि की है, क्योंकि उन्हें कंप्यूटर, लेखा (जीएसटी) सॉफ्टवेयर और/या प्रशिक्षित जीएसटी विशेषज्ञों (सीए और लेखा विशेषज्ञ) में निवेश करना आवश्यक है.
- जीएसटी अनुपालन की प्रक्रिया भी कठिन साबित हो रही है क्योंकि अधिकांश व्यवसाय अभी तक नई कर प्रणाली के नियमों, प्रावधानों और प्रक्रियाओं से पूरी तरह अवगत नहीं हैं, जिसमें रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया, जीएसटी पंजीकरण, रिटर्न फाइलिंग शेड्यूल, चालान और बिलिंग आदि शामिल हैं.
- व्यापार करने की कुल लागत कम से कम जीएसटी के पहले कुछ महीनों में बढ़ने वाली है.
- वित्त वर्ष के मध्य में जीएसटी लागू होने से कारोबारियों के बीच काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है कि पुराने टैक्स नियमों का पालन किया जाए या नए या दोनों का.
- कई व्यवसायों, विशेष रूप से छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के पास आमतौर पर डिजिटल जीएसटी प्रणाली का अनुपालन करने के लिए धन या तकनीकी संसाधन नहीं होते हैं. जनरल जीएसटी जैसा क्लाउड-आधारित (ऑनलाइन) जीएसटी सॉफ्टवेयर इस समस्या का एक सही समाधान हो सकता है.
- छोटे विनिर्माण व्यवसायों के लिए कर छूट की सीमा, जो पहले 1.50 करोड़ थी, अब रु. जीएसटी प्रणाली के तहत 20 लाख. इससे ऐसे व्यवसायों के लिए कर का बोझ प्रभावी रूप से बढ़ गया है.
- टैक्स हॉलिडे के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं होने से कपड़ा, फार्मा और अन्य विनिर्माण उद्योगों के लिए परिचालन लागत में और वृद्धि हुई है.
- व्यवसायों के बीच अराजकता ने उद्योग में व्यवधान पैदा कर दिया है.
- उपभोक्ता जीएसटी के लाभों और कार्यान्वयन के बारे में बहुत आशान्वित नहीं हैं और इसलिए, वे नई प्रणाली के अनुकूल होने के लिए अनिच्छुक हैं.
- कई उत्पादों के लिए कर की दर बढ़ा दी गई है, जिससे उनकी लागत बढ़ गई है.
- हालांकि जीएसटी में इनपुट क्रेडिट का प्रावधान है, लेकिन कुछ व्यवसाय अपने उपभोक्ताओं को इसका लाभ देने को तैयार नहीं हैं.
- टैक्स बढ़ने के कारण रीफर्बिशिंग की लागत बढ़ गई है, इस प्रकार रीफर्बिश्ड उत्पादों की कीमत बढ़ गई है.
- व्यवसायों को अलग-अलग राज्यों में कई व्यावसायिक संस्थाओं के लिए अलग-अलग पंजीकरण करने की आवश्यकता होती है. इससे कर अनुपालन का बोझ बढ़ेगा.
- जीएसटी ने कुछ राज्यों के कर राजस्व को कम कर दिया है क्योंकि अब उन्हें केंद्र सरकार के साथ राजस्व साझा करने की आवश्यकता है.
- कर का भुगतान अंतिम उपभोक्ता द्वारा किया जाएगा, जो इसे गैर-उपभोक्ता-अनुकूल कर प्रणाली बनाता है.
हम उम्मीद करते है कि आपको हमारा यह लेख भारत मे GST के फायदे और नुकसान जरूर से पसन्द आया होगा और अब आपको जीएसटी के फायदे और नुकसान के बारे में पता चल गया है. भारत इतनी बड़ी जनसँख्या वाला देश है तो ज़ाहिर है बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें जीएसटी काफी सरल और सहज लग रहा है वहीं बहुत से ऐसे भी लोग हैं जिन्हें 5 साल बाद भी जीएसटी समझ नहीं आ रहा और फायदे नुकसान के बारे में भी नहीं पता. और खास कर जब आप थोक व्यापार विचारों के बारे मे सोचते है तो आपको लगता है ज़्यादा मात्रा मे सामान बेचने पर GST को समझना और मुश्किल हो सकता है.
हमारी राय यही है की आप जीएसटी अपनी राय बनाने के पहले और उसके फायदे नुकसान के बारे में जानें और इस लेख को पूरा पढ़ें. साथ ही हमारे इस लेख को अपने दोस्तों व अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर जरूर से शेयर करे ताकि और लोगो को भी पता चले कि आखिर GST के फायदे और नुकसान क्या है.
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